आजकल प्राय: लोगों के घरों के गमलों में घृतकुमारी अर्थात एलोवेरा के पौधे दिखाई पड़ जाते हैं। पूरी तरह से हरे रंग का मोटे गुदेदार पत्तेदार वाला यह पौधा लोग अपने घरों की शोभा बढ़ाने के लिए इस्तेमाल में लाते हैं, लेकिन इसका औषधीय प्रयोग भी किया जाता है। आप एलोवेरा से अपना और अपने परिवार की बहुत सी बीमारियों का इलाज कर सकते हैं, तो आइए जानें एलेवोरा का इस्तेमाल किन-किन रोगों के इलाज के लिए किया जा सकता है।
एलोवेरा का पौधा छोटा होता है जिसके पत्ते मोटे, गूदेदार होते हैं और यह चारो तरफ लगे होते हैं। एलोवेरा (Aloe Vera) के पत्ते के आगे का भाग नुकीला होता है और इसके किनारों पर हल्के कांटे होते हैं। पत्तों के बीज से फूल का दंड निकलता है जिस पर पीले रंग के फूल लगे होते हैं।
भारत के कई ग्रंथों जैसे कि अमरकोष, भावप्रकाश आदि में घृतकुमारी की चर्चा मिलती है। स्थान एवं अलग अलग देशों में एलो वेरा की कई प्रजातियां पाई जाती हैं जिनका प्रयोग चिकित्सा में किया जाता है। मुख्यतया इसकी दो प्रजातियों का चिकित्सा में विशेष तौर पर प्रयोग किया जाता है।
☆ एलोवेरा के उपयोग :
एलोवेरा का किसी न किसी रूप में इस्तेमाल करने से आपकी स्किन, बाल और पूरी हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद रहता है। आप एलोवेरा चेहरे पर भी कई तरीकों से इस्तेमाल कर सकते हैं। लिमिटेड मात्रा में एलोवेरा का जूस आपकी हेल्थ के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। दिन की शुरुआत एलोवेरा जेल ड्रिंक के साथ करें। अगर आपके पास एलोवेरा का पौधा है तो आप ऑर्गेनिक एलोवेरा जेल भी बना सकती हैं। और जिन लोगों की नजर में यह मुश्किल काम है वे बाजार से एलोवेरा जेल आसानी से खरीद सकते हैं।
• स्किन में ऐसे इस्तेमाल करें एलोवेरा :
ये गाढ़ा जेल स्किन के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। यह ड्राई और फ्लेकी त्वचा को हाइड्रेट और मॉइश्चराइज रखती है। अगर आपकी त्वचा डल और थकी हुई लग रही है तो आप एलोवेरा जेल के फेस पैक की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं, आप अपने घर के फेसपैक्स में एलोवेरा जेल डालकर इन्हें ज्यादा इफेक्टिव बना सकते हैं।
1.त्वचा को रखे जवान :
प्री-मैच्योर एजिंग की पहली निशानी झुर्रियां और फाइन लाइन्स होती है। कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट्स और केमिकल प्रोडक्ट्स में बड़ी रकम खर्च करने से बेहतर है आप कम उम्र से ही त्वचा की देखभाव करना शुरू कर दें।
एलोवेरा जेल को चेहरा पर लगाएं और इसे अपना जादू करने दें। एलोवेरा की पत्ती में बीटा कैरोटी, विटमिन ए और विटमिन ई जैसे कई ऐंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं। ये सारी चीजें आपकी स्किन के टेक्सचर को अच्छा करती हैं और इसमें प्राकृतिक कसाव बनाए रखती हैं।
• एलोवेरा फेसपैक :
1 चम्मच एलोवेरा जेल और 1 चम्मच इंस्टंट ओटमील में आधा चम्मच ऑलिव ऑइल मिलाएं और स्मूद पेस्ट बना लें।
इसे पूरे चेहरे और गर्दन पर लगाएं और 30 मिनट तक सूखने दें।
ठंडे पानी से धो लें।
ओटमील से चेहरा स्क्रब होगा वहीं ऑलिव ऑइल पोषण देगा और एलोवेरा जेल से खोई नमी वापस मिलेगी।
2. सनबर्न में राहत दे और टैनिंग घटाए :
एलोवेरा जेल सुरक्षा की परत की तरह काम करता है और नमी को वापल लौटता है। यह त्वचा की एपीथीलियल लेवल को हील करता है। इसमें ऐंटीऑक्सिडेंट की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जिससे त्वचा बहुत जल्दी हील होती है। एलोवेरा जेल कुछ घंटों को लिए फ्रिज में रखें और सनबर्न स्किन पर पर्याप्त मात्रा में लगाएं। इससे आपको तुरंत ठंडक मिलेगी साथ ही आपकी त्वचा जल्दी हील भी होगी।
• मॉइश्चराइजर :
एलोवेरा में 99.5 % वाटर कंटें, हाइड्रेट्स होते हैं जो नॉर्मल, ड्राई औऱ ऑइली स्किन को रिज्यूवेनेट करते हैं। यह बॉडी, फेस, लेग्स, आर्म्स और हेयर के लिए बढ़िया मॉइश्चराइजर होता है। ड्राई स्किन के लिए आप इसे एडिशनल मॉइश्चराइजिंग एजेंट्स जैसे ऑलिव ऑइल या ओट्स के साथ इस्तेमाल कर सकते हैं।
3. कट्स और रैशेज के इलाज में कारगर :
इसके ऐंटी-इनफ्लैमैटरी गुणों के चलते एलोवेरा जेल से कीड़ों के काटने और रैशेज में भी राहत मिलती है। आप छोटे-मोटे कट्स पर लगा सकते हैं। इसकी सूदिंग प्रॉपर्टीज के चलते इसे आफ्टर शेव लोशन की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकताहै। इसे हाथों-पैरों की वैक्सिंग और शेविंग के बाद भी इस्तेमाल किया जा सकता है। यह आपकी त्वचा को ठंडक देगी साथ ही खोई नमी भी लौटाएगी।
• बालों के लिए भी उपयोगी है एलोवेरा :
1. बढ़िया कंडिशनर :
एलोवेरा जेल का कंडिशनिंग पावर इतना जबरदस्त है कि यह महंगे से महंगे कंडिशनर्स को मात दे सकता है। एलोवेरा में प्रोटियोलिटिक एंजाइम काफी मात्रा में पाए जाते हैं। ये एंजाइम डेड सेल्स निकालते हैं और सेल रिजेनरेशन में मदद करते हैं इसत रह से आपके बाल रिपेयर होते हैं।
एलोवेरा की प्रकृति मॉइश्चराइजिंग होती है। यह आपके बालों को नरिश करता औऱ मजबूत बनाता है साथ ही नैचरल शाइन भी देता है। शैंपू को बाद आप एलोवेरा जेल को कंडिशनर के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं वहीं लीव-इन कंडिशनर के तौर पर भी बालों पर लगा छोड़ सकते हैं।
एलोवेरा जेल और पानी की बराबर मात्रा एक स्प्रे बॉटल में मिलाएं। इस मिश्रण को अपने बालों के सिरों पर स्प्रे करें। इससे आपके बाल उलझेंगे नहीं और बाल सिल्की स्मूद हो जाएंगे।
2. सिर की त्वचा का पीएच बैलेंस रखे :
सिर की त्वचा का सामान्य पीएच 5.5 होता है। जब यह बैलेंस गड़बड़ हो जाता है तो हेयर प्रॉब्लम्स शुरू हो जाती हैं। कई शैंपू में सर्फैक्टेंट्स होते हैं। क्योंकि यह अल्कालाइन होते हैं, ये आपकी स्काल्प का नॉर्मल पीएच बदल सकते हैं। बालों का पीएच और मॉइश्चर वापस पाने के लिए एलोवेरा एक बढ़िया उपाय है। इससे बालों का टैक्सचर स्मूद होता है साथ ही हेयर ग्रोथ भी होती है।
3. मिले डैंड्रफ से छुटकारा :
अगर आप डैंड्रफ या डैंड्रफ से जुड़ी समस्याएं जैसे पपड़ीदार सिर की त्वचा और इसकी खुजली जैसी समस्याओं से परेशान हैं तो एलोवेरा युक्त शैंपू आपकी समस्याओं का समाधान है। डैंड्रफ या तो ऑइली स्काल्प या स्काल्प में किसी तरह के इन्फैक्शन की वजह से होती है। ऐलोवेरा जेल इन सभी समस्याओं का समाधान है। यह डेड स्किन सेल्स को निकालने और पोर्स खोलने में बहुत कारगर होता है। इसकी ऐंटी इनफ्लेमेट्री और ऐंटी माइक्रोबियल प्रॉपर्टीज इन्फैक्शंस को दूर रखती हैं।
• हेल्थ के लिए एलोवेरा के फायदे :
1. सूजन कम करे :
एलोवेरा जूस के इस्तेमाल से सूजन कम होती है। शरीर में सूजन का कारण फ्री रेडिकल्स की वजह से हुआ ऑक्सीडेटिव डैमेज होता है। एलोवेरा में ऐंटीऑक्सिडेंट्स पर्याप्त मात्रा में होते हैं। ये ऐंटीऑक्सिडेंट फ्री रेडिकल्स से होने वाले डैमेज को रोकते हैं। आप आसानी से एलोवेरा ड्रिंक खऱीदकर पी सकते हैं। एलोवेरा के कैप्स्यूल भी यूज कर सकते हैं। एलोवेरा का जूस अर्थराइटिस और रुमेटिज्म में काफी फायदेमंद होता है।
2. डाइजेशन में मदद करे :
रोजाना एलोवेरा जूस पीना अच्छी आदत है। एलोवेरा के इस्तेमाल से डाइजेशन अच्छा होता है और अल्सर से भी राहत मिलती है। लेकिन एलोवेरा जूस के साइड इफेक्ट्स से बचने के लिए पहले डॉक्टर से बात जरूर कर लें।
3. इम्यूनिटी दुरुस्त करे :
एलोवेरा इम्यूटी बूस्ट करने के लिए जाना जाता है। एलोवेरा की वजह से सेल्स में नाइट्रिक ऑक्साइड और साइटोकाइन्स बनने लगते हैं जिससे इम्यून सिस्टम को आवश्यक बूस्ट मिलता है।
4. ओरल हेल्थ के लिए होता है बढ़िया :
जब ओरल हेल्थ की बात आती है तो कई स्टडीज से यह बात साबित हो चुकी है कि एलोवेरा टूथपेस्ट की तरह प्रभावशाली होता है। यह मुंह के घावों को ठीक करता है और मसूढ़ों को मॉइश्चराइज रखता है। इससे मसूढ़ों की सूजन भी कम होती है। ऐंटी-बैक्टीरियल गुणों से कैविटी पैदा करने वाले कीटाणु दूर रहते हैं।
☆ एलोवेरा के साइड इफेक्ट्स :
• एलो लेटेक्स, जो कि एलोवेरा की पत्ती का हिस्सा होता है, ये आपको सूट नहीं कर सकता है। इससे गैस्ट्रोइनटेस्टाइनल प्रॉब्लम्स, पेट दर्द, अल्सर, इंटेस्टाइन में रुकावट और अपेंडिसाइटिस हो सकता है। ज्यादा मात्रा में पीने पर यह खतरनाक साबित हो सकता है।
• एलोवेरा पीने से आपके ब्लड शुगर का लेवल डाउन हो सकता है। अगर आप डायबेटिक हैं तो इससे बड़ी समस्या हो सकती है। इसलिए इसके इस्तेमाल से पहले अपने डॉक्टर से बात कर लें।
• प्रेगनेंट और फीडिंग करवाने वाली मदर्स को एलोवेरा से सख्त तौर पर एलोवेरा से दूर रहना चाहिए। इससे प्रेगनेंट महिलाओं में यूटेराइन कॉन्ट्रैक्शन हो सकता है। इससे बच्चों में बर्थ डिफेक्ट्स और यहां तक मिसकैरिज तक हो सकता है।
• एलोवेरा जूस पीने से एलर्जिक रिएक्शंस हो सकती हैं जैसे- स्किन रैशेज, स्किन पर खुजली, सांस लेने में दिक्कत, हीव्स, छाती में जकड़न, चेहरे की सूजन, लिप्स, मुंह या गले में इरिटेशन।
• अनप्रॉसेस्ड एलोवेरा जूस पीने से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट इम्बैलेंस और डिहाइड्रेशन हो सकता है।
• एलोवेरा जूस से पोटैशियम लेवल डाउन हो जाता है। इससे इररेग्युलर हार्टबीट और वीकनेस हो जाती है। इसलिए बुजुर्ग लोग जिनकी कोई मेडिकल हिस्ट्री हो, उन्हें एलोवेरा जूस नहीं पीना चाहिए।
• अगर आपको बॉवेल सिंड्रोम या गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रॉब्लम हैं तो भी आपको एलोवेरा जूस नहीं पीना चाहिए। प्लांट के लग्जेटिव इफेक्ट्स के चलते, जूस ज्यादा पीने से लूज मोशन, पेट दर्द और डायरिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
• एलोवेरा जूस की ओवरडोज से यह पेल्विस में इकट्ठा होने लगता है जिससे किडनी पर खराब प्रभाव पड़ता है।
☆ डॉक्टर की सलाह पर सीमित मात्रा में एलोवेरा जूस पीने में कोई नुकसान नहीं होता। ये सारे प्रभाव तभी दिखाई देते हैं जब इसे बताई गई मात्रा से ज्यादा पीया जाता है।
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