आयुर्वेद के अनुसार, जामुन (Jamun fruit) के बहुत सारे औषधीय गुण होते हैं। इन औषधीय गुणों के कारण जामुन के फायदे अनेक हैं। गर्मी के मौसम में आम के आने के समय जामुन (black berry) भी आ जाता है। जामुन में आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेड भी होता है, इसलिए ये बच्चों के सेहत के लिए भी बहुत अच्छा होता है।
जामुन एक बहुत ही महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक हर्ब है। भारत पहले जम्बुद्वीप कहलाता था - एक ऐसा द्वीप जहाँ जम्बू पेड़ यानी जामुन के पेड़ प्रचुर मात्रा में हैं। जामुन का वानस्पतिक नाम सिजिगियम क्युमिनी (Syzigium cumini) या यूजेनिया जंबोलाना (Eugenia jambolana) या मिरटस क्युमिनी (Myrtus cumini) है। यह जंबुल के रूप में भी जाना जाता है।
जामुन एक मौसमी फल है। खाने में स्वादिष्ट होने के साथ ही इसके कई औषधीय गुण भी हैं। जामुन अम्लीय प्रकृति का फल है पर यह स्वाद में मीठा होता है। जामुन में भरपूर मात्रा में ग्लूकोज और फ्रुक्टोज पाया जाता है। जामुन में लगभग वे सभी जरूरी लवण पाए जाते हैं जिनकी शरीर को आवश्यकता होती है। अगर आपको रोग मुक्त होना है तो जामुन को नमक मिला कर खाइए। आयुर्वेद में जामुन पेड़ का तना, फल, बीज एवं पत्तों का प्रयोग औषधि के लिए किया जाता है।
जामुन का प्रयोग कई सारी बिमारियों के उपचार मे किया जाता है। गर्मियों के दिनों मे जामुन के सेवन करने से लू नहीं लगती है। यह कैंसर की संभावना को कम करने मे भी काफी मददगार है।
जामुन के फायदे : -
मधुमेह के उपचार मे :
जामुन खाने से शुगर के रोगी को फायदा होता है।यह रक्त के अंदर शक्करा की मात्रा को नियंत्रित करता है। डायबिटिज के रोगी को रोजाना जामुन का सेवन करना चाहिए। रोज 100 ग्राम जामुन का सेवन करना चाहिए। जामुन की गुठली ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने मे काम आती है।
पेट की समस्याओं को दूर करने मे :
पेट से जुड़ी समस्या को दूर करने के लिए जामुन फायदे मंद है। रोज सुबह खाना खाने के बाद जामुन खाने से पेट साफ होता है। पेट के अंदर ऐंठन की समस्या दूर करने के लिए जामुन की छाल का काढा बनाकर पीने से दूर हो जाती है।
एनिमिया के उपचार मे :
जामुन हमारे शरीर के अंदर खून की कमी को दूर करते हैं। जिस व्यक्ति के शरीर के अंदर खून की कमी हो उसे जामुन का सेवन करना चाहिए । जामुन के अंदर कैल्शियम, पोटैशियम और आयरन पाये जाते हैं। जो हमारे शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढाते हैं।
जामुन के पत्ते के फायदे : -
जामुन के पत्ते मसूड़ों के लिए फायदेमंद हैं। यदि मसूंडों के अंदर खून आता है तो जामून की गुंठली पीस कर नमक के साथ मसूडों पर लगाने से फायदा होता है। यदि मसूड़ों के अंदर सूजन आ रही है तो जामुन के पत्तों को उबाल कर कूल्ला करना चाहिए।
यदि मूंह के अंदर दूर्गंध आ रही है तो जामून के पत्ते चबाना चाहिए ।
लीवर के लिए फायदेमंद :
यदि लिवर के अंदर किसी प्रकार की समस्या है तो सुबह शाम जामुन का रस पीना चाहिए जिससे लिवर की समस्या ठीक हो जाएगी ।
पत्थरी के उपचार के अंदर :
यदि किसी व्यक्ति को पत्थरी की समस्या है तो जामुन का पाउडर दही के साथ मिलाकर रोज खाने से पत्थरी की समस्या भी दूर हो जाती है।
गठीया के उपचार करने मे :
जिस व्यक्ति को गठिया होता है। उसे जामुन की छाल को पीस कर जोड़ों पर लेप करने से फायदा होता है।
त्वचा की रंगत को बढ़ाने मे मददगार :
जामुन के बीजों का प्रयोग चेहरे के पिंपल्स को हटाने के लिए किया जाता है। बीजों को पीस कर दूध मिलाकर पेस्ट बनाकर सोने से पहले चेहरे पर लगाएं ऐसा कई दिनों तक करें जिससे चेहरा साफ होगा और चेहरे के दाग दब्बे दूर होंगे ।
आवाज को साफ करने मे :
आवाज को सूरीली बनाने मे भी जामुन मददगार होता है।जामुन का चूर्ण रोज चाटने से आवाज साफ और सूरीली बनती है।
बच्चों के लिए फायदे मंद :
जामुन छोटे बच्चों के लिए भी अच्छे रहते हैं
यदि बच्चों को दस्त की समस्या हो तो जामुन की ताजी छाल को पिस कर बकरी के दूध के साथ मिलाकर पीने से लाभ होता है। यदि बच्चे बिस्तर पर पेशाब करते हैं तो जामुन का चूर्ण खिलाने से लाभ होता है।
जामुन के नुकसान : –
जैसे जामुन हमारे लिए फायदेमंद है वेसे ही इस का अधिक सेवन नुकसानदायक है।
दूध पिलाने वाली महिलाओं को जामुन का सेवन नही करना चाहिए।
खाली पेट जामुन खाना ख़तरनाक होता है।
जामुन खाने के तुरंत बाद कभी भी दूध नहीं पीना चाहिए।
ज़्यादा मात्रा में जामुन खाने से दर्द और बुखार जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके साथ ही यह गले और सीने के लिए भी हानिकारक होता है। (और पढ़ें – बुखार का घरेलू इलाज)
बहुत अधिक मात्रा में जामुन खाने से खाँसी हो जाती है और यह फेफड़े के लिए हानिकारक साबित होती है।
No comments:
Post a Comment