Thursday, September 24, 2020

🌿आयुर्वेद - मदार



अकौआ (Calotropis gigantea plant) के पेड़ को हर जगह देखा होगा क्योंकि ये भारत के केवल बर्फीले इलाके को छोड़कर हर जगह पाया जाता है| इसके पेड़ को लगाने की जरुरत नहीं होती है| ये अपने आप ही उग जाते है| मदार  का पेड़ हमें सड़क के किनारे ,नालियों के आसपास ,खेतों की मेड़ो पर और अपने घर के आसपास सभी जगह आसानी से देखने को मिल जाता है| मदार का पेड़ गर्मियों में हर-भरा रहता है और बरसात में सुख जाता है|


मदार  पेड़ दो प्रकार का होता है :


एक - सफेद फूल आते है|



दूसरा -  बैगनी रंग के फूल आते है| 



इसमें से सफेद रंग के फूल वाले पेड़ का उपयोग आयुर्वेद ,होम्योपैथी और एलोपैथी सभी में किया जाता है| जबकि बैगनी रंग के फूल वाले पेड़ का उपयोग कम किया जाता है क्योंकि ये अधिक विषैला होता है| मदार के पेड़ की पत्ती ,जड़ ,फूल तथा दूध सभी औषधियों के रूप में कार्य करते है|


सफेद आक (श्वेतार्क का पौधा) या अकौआ के पौधे का हिन्दू धर्म में महत्व :


जैसा की आप जानते ही होगे की सफेद आक का प्रयोग पूजा में किया जाता है। इसके पुष्प से भगवान ‘ शिव ‘  की आराधना की जाती है। गणेश चतुर्थी पूजा के लिए 21 अलग-अलग तरह के पत्ते सुझाए गए हैं और लोकप्रिय रूप से पात्रा पूजा के नाम से जाना जाता है। 21 प्रकार के पत्तों के साथ गणेश की पूजा करना EKAVIMSATI पूजा के रूप में जाना जाता है। मदार  पत्र ( Jilledu) उनमें से एक है।



यह पौधा बड़ा ही चमत्कारी एकाग्रता, स्वास्थ्य और उत्साह को देने वाला है। इसे अपने घर में रखने वाले पर भगवान शिव और भगवान गणेश की विशेष कृपा रहती है। तीन चार वर्ष से अधिक पुराने वृक्ष की कुछ जड़ें लगभग गणेश जी की आकृति में प्रायः मिल जाती हैं। यदि गणपति जी की आकृति स्पष्ट न हो तो किसी कारीगर से आकृति बनवाई भी जा सकती है। इसको अपने पूजा में रखकर नियमित पूजन- आराधना करने से त्रिसुखों की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में मदार की स्तुति इस मंत्र से करने का विधान है।आक की जड़ रविपुष्य नक्षत्र में लाल कपड़े में लपेटकर घर में रख लें, घर में सुख-शांति तथा समृद्धि बनी रहेगी। और अगर आप श्वेतार्क के नीचे बैठकर प्रतिदिन साधना करें, जल्दी फल मिलेगा।जिस घर में इसकी जड़ होती है वहां कभी भी निर्धनता नहीं रहती और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह रहता है। अपने इन अद्भुत गुणों के कारण ही इसे आधुनिक कल्पवृक्ष कहा जाता है। 




मदार  के विभिन्न नामों:


इसे हम निम्नलिखित नामों से बोलाते है जैसे – अर्क ,श्वेतार्क ,अकौव ,आक ,आकन्द ,आकमदार ,धोलो आकड़ो ,अकौआ आदि|


मदार के पेड़  (Aak Ke Ped) से संबंधित भ्रांति :

मदार के पेड़ (Aak Ke Ped) को लेकर लोगों के मन में बहुत सारी गलत फेमिया है कि मदार के पेड़ के केवल फूल ही भगवान शंकर को चढ़ाने के काम आते है और इसके अलावा इसका कोई उपयोग नहीं है| और यह पेड़ जहरीला होता है ,अगर कोई इसके पत्ते ,फूल या फल खा ले तो यह मर जाता है| इसी लिए आप लोगों ने देखा होगा कि हमारे घर के बड़े लोग बच्चों को इस पेड़ से दूर रहने को कहते है| और ये भी कहते है कि अगर इसके दूध को आँखों में लगा लो तो हमारी आँखे फुट जाती है और हम अंधे हो जाते है| लेकिन ये सब पूरी तरह से सही नहीं है क्योंकि इस पौधे के बहुत से लाभ होते है जिससे हम पूरी तरह से अनजान है|

 

* मदार  के पत्ते ,फूल ,जड़ और दूध से होने वाले लाभ

मदार का पेड़ वैसे तो जहरीला होता है लेकिन फिर भी इसका प्रयोग आयुर्वेद में औषधी के रूप में किया जाता है| क्योंकि इसके प्रयोग से बहुत सारी बिमारियों को ठीक किया जा सकता है| अगर हम मदार के पत्ते ,फूल ,जड़ और दूध का सही मात्रा में प्रयोग करे तो इसके बहुत सारे फायदे होते है जैसे –


🍀 मदार के पत्ते से होने वाले लाभ  –



• मदार के कुछ सूखे पत्ते लेकर उसे सरसों के तेल में उबालकर अच्छे से जला ले| और इसके बाद उस तेल को ठंडा कर ले| फिर उसमे थोड़ा सा कपूर मिलाकर उसे एक शीशी में भरकर रख ले| तथा इस तेल का प्रयोग खाज-खुजली वाले अंगो पर करे तो इससे बहुत लाभ मिलता है|

मदार के पत्ते को पानी में डालकर आबदस्त लेने से बवासीर की समस्या में आराम मिलता है|

मदार के पत्ते ले और उसमे एक चौथाई हिस्सा काला नमक मिलाकर उसे अच्छे से कूट ले और आग में जलाकर उसकी भस्म तैयार कर ले| और इस भस्म का पानी या शहद के साथ एक माह तक सेवन करे तो खांसी और दमा की समस्या दूर हो जाती है|


🍀 मदार के दूध से होने वाले लाभ


मदार के दूध का सबसे बड़ा फायदा तो यह है कि अगर कही पर भी कांटा लग जाये तो इसके दूध को उस जगह पर लगाने से कांटा बाहर आ जाता है|

अगर बाल ज्यादा टूट रहे है तो मदार के दूध को लगाने से बाल झड़ना बंद हो जाते है|

इसका दूध लगाने से उंगलियों में होने वाली सडन दूर हो जाती है|

अगर किसी को छोटे सफेद दाग हो गये है तो काले नमक को मदार के दूध में घिसकर दागों पर लगाये तो वे ठीक हो जायेंगे|

बिच्छु के काट लेने पर मदार का दूध बार-बार लगाये तो उसका विष कम हो जाता है|

अगर दाद हो गया है तो शहद और मदार का दूध बराबर मात्रा में मिलाकर उस दाद पर तीन-चार बार लगाने से वह ठीक हो जाता है|

अगर हिलते हुए दांत की जड़ो में एक-दो बूंद मदार के दूध की डाल ले तो दांत आसानी से निकल जाता है|

चेहरे पर कील-मुहांसे हो जाये तो मदार के दूध में हल्दी पीसकर रात में सोते समय कुछ दिनों तक लगाते रहे तो वह ठीक हो जाते है|




🍀 मदार की जड़ से होने वाले लाभ


मदार की जड़ो को पानी में पीसकर उसका लेप तैयार कर ले| और उसे फोड़े-फुंसी पर लगाये तो वह ठीक हो जाते है|

जिन्हें वात का रोग है तो वे तिल के तेल में मदार की जड़ो को पका ले| और उसे ठंडा कर के पीड़ित अंगों पर लगाये तो जल्द आराम मिलेगा|

अगर किसी को गर्मी के कारण कोई घाव हो जाये तो मदार की जड़ो का चूर्ण उस पर लगाये तो वह ठीक हो जाता है|

यदि किसी को खुजली हो जाये तो मदार की जड़ो को जलाकर राख बना ले| और उसे सरसों के तेल में मिलाकर लगाये तो खुजली ठीक हो जाती है|

मदार की जड़ो की छाल का चूर्ण ,अदरक के रस और काली मिर्च को पीसकर खाने से हैजा ठीक हो जाता है|

अगर सूजन है तो मदार की जड़ो का चूर्ण खाने से खत्म हो जाती है|

यदि किसी महिला को प्रदर रोग हुआ है तो उसे मदार का चूर्ण दही के साथ खिलाना चाहिए|


🍀 मदार के फूल से होने वाले लाभ



• मदार के दो बिना खिले फूल को थोड़े से गुड में मिलाकर खाने से मलेरिया का बुखार नहीं चढ़ता है| और यह बालतोड़ को भी नष्ट कर देता है|

जोड़ो के दर्द में भी मदार के फूल लो गर्म करके प्रभावित अंग पर बांध ले ,तो जोड़ो का दर्द ठीक हो जाता है|

मदार के 10-12 फूलों को पीसकर एक गिलास दूध में रोजाना सुबह एक माह तक ले तो पथरी निकल जाती है|

बवासीर के दर्द में मदार के फूल के धुएं से सिकाई करने से दर्द कम हो जाता है|

मदार के फूल को शिवलिंग पर चढाने से वे प्रसन्न होते है|


* मदार के पेड़ से होने वाले नुकसान -:

जैसा कि हम जानते है मदार का पेड़ विषैला होता है| इसके विषैले होने के कारण इसके कई नुकसान भी होते है| अगर हम मदार के पेड़ के किसी भी भाग जैसे फूल ,पत्ते ,जड़ ,तना या दूध का उपयोग औषधी के रूप में करते है तो हमें इसका उपयोग सीमित मात्रा में ही करना होता है| अगर इसकी मात्रा ज्यादा हो जाये तो ये हमें हानि भी पंहुचा सकती है| इसलिए जब भी मदार के पेड़ का उपयोग करे तो पहले उसके बारे में सारी जानकारी प्राप्त कर ले| और ये पता कर ले कि इसकी कितनी मात्रा हमारे लिए लाभदायक होगी|


No comments:

Post a Comment

🌱 ఆయుర్వేదం - శతావరి

ఆయుర్వేదవైద్యం లో పేర్కొన్న పురాతనమైన మూలికలలో ‘ శతావరి ’ ఒకటి. శతావరి గురించిన ప్రస్తావనలు భారతదేశపు అత్యంత పురాతన వైద్య గ్రంధా...